सोमवार, 13 मई 2013

भृंगराज



भृंगराज का नाम आप लोगों के लिए नया नहीं है। तमाम हेयर आयल के विज्ञापन रोज प्रकाशित होते हैं,उनमें भृंगराज  की चर्चा बड़े जोर-शोर से की गयी होती है।केशों के लिए यह महत्वपूर्ण तो है ही लेकिन इसके अन्य औषधीय गुण शायद और ज्यादा महत्वपूर्ण लगते हैं मुझे। अकेले भृंगराज कायाकल्प करने में सक्षम है। अगर उसे सही तरीके से प्रयोग किया जाये तो।यहाँ तक कि कैंसर से आप इसके सहारे लड़ सकते हैं और जीत भी सकते हैं।

           
भृंगराज के पौधे वर्षा के मौसम में खेतों के किनारे ,रेल लाइन के किनारे, खाली पड़ी जमीन पर ,बाग़ बगीचों में खुद ही उग जाते हैं। ये हमेशा हरे रहते हैं।इनके फूल पत्ते तने जड़ सब उपयोगी हैं। इनकी झाड़ियाँ ज्यादा से ज्यादा आधा मीटर तक उंची मिलेंगी।
इस पौधे में बीटा-एमिरीन ,विडेलोलेक्टोंन, ग्लूकोसैड्स-फायटोस्टीराल-ए , ल्यूतियोलिन, फैटिक एसिड ,पामीटिक एसिड, ट्रायतर्पेनीक एसिड, स्टीयरिक एसिड,लिनोलिक एसिड और आलिक एसिड , एकलिप्तींन ,एम्पलिप्तींन एल्केलायद ,निकोटीन और राल जैसे तत्व मौजूद हैं।
  
----पीलिया एक जानलेवा रोग है ,लेकिन आप रोगी को पूरे  भृंगराज के  पौधे का चूर्ण मिश्री के साथ खिला दीजिये 100 ग्राम चूर्ण पेट में पहुंचाते ही पीलिया ख़त्म . या फिर भृंगराज के पौधे को ही क्रश करके 10 ग्राम रस निकालिए ,उसमें 1 ग्राम काली मिर्च का पावडर मिलाकर मरीज को पिला दीजिये .दिन में 3 बार ,3 दिनों तक इस मिश्रण में थोड़ा मिश्री का चूर्ण भी मिला लीजियेगा ।
----बाल काले रखने हैं तो भृंगराज की ताजी पत्तियों का रस रोजाना सिर  पर मल कर सोयें।
----गुदाभ्रंश हो गया हो तो भृंगराज की जड़ और हल्दी की चटनी को मलहम की  तरह मलद्वार पर लगाए इससे कीड़ी काटने की बीमारी मेंभी आराम मिलता है .गुदा भ्रंश में मल द्वार थोड़ा बाहर निकल आता है. 
----पेट बहुत खराब हो तो भृंगराज कीपत्तियों का रस या चूर्ण दस ग्राम लीजिये उसे एक कटोरी दही में मिला कर खा जाएँ ,दिन में दो बार ३ दिनों तक .
----आँखों की रोशनी तेज रखनी है तो भृंगराज  की पत्तियों का ३ ग्राम पाउडर १ चम्मच शहद में मिला कर रोज सुबह खाली  पेट खाएं।
----भृंगराज सफ़ेद दाग का भी इलाज करता है मगर काली पत्तियो और काली शाखाओं वाला भृंगराज चाहिए।इसे आग पर सेंक कर रोज खाना होगा ,एक दिन में एक पौधा लगभग चार माह तक लगातार खाए।
----जिन महिलाओं को गर्भस्राव की बिमारी है उन्हें गर्भाशय को शक्तिशाली बनाने के लिए भृंगराज की ताजी पत्तियों का ५-६ ग्राम रस रोज पीना चाहिये
----त्रिफला के चूर्ण को भृंगराज  के रस की ३ बार भावना देकर सुखा कर रोज आधा चम्मच पानी के साथ निगलने से बाल कभी सफ़ेद होते ही नही। इसे किसी जानकार वैद्य से ही तैयार कराइये.
----अगर कोई तुतलाता हो तो इसके पौधे के रस में देशी घी मिला कर पका कर दस  ग्राम रोज पिलाना चाहिए ,एक माह तक लगातार।
----इसके रस में यकृत की सारी बीमारियाँ ठीक कर देने का गुण मौजूद है लेकिन जिस दिन इसका ताजा रस दस ग्राम  पीजिये उस दिन सिर्फ दूध पीकर रहिये भोजन नहीं करना है ,यदि यह काम एक माह तक लगातार कर लिया जाय तो कायाकल्प भी सम्भव है।यह एक कठिन तपस्या है.
----अब इसका सबसे महत्वपूर्ण उपयोग सुनिए- बच्चा पैदा होने के बाद महिलाओं को योनिशूल बहुत परेशान करता है,उस दशा में भृंगराज के पौधे की जड़ और बेल के पौधे की जड़ का पाउडर बराबर मात्रा में लीजिये और शहद के साथ खिलाइये ,५ ग्राम पाउडर काफी होगा ,दिन में एक बार खाली पेट लेना है ७ दिनों तक . 
      
सारे चित्र विकिपीडिया  से साभार


इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (16-05-2013) के परिवारों को बचाने का एक प्रयास ( चर्चा मंच- 1246 ) मयंक का कोना पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. वाह बेहतरीन नुस्खा। भृंग राज एक फायदे अनेक।

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  3. फॉन्ट का कलर सफेद कीजिये ,कुछ भी पढ़ा नही जा रहा है........

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