शनिवार, 18 दिसंबर 2010

मूली

बड़ी सुन्दर सी प्यारी सी चीज है मूली. इसका झक सफ़ेद रंग भी आकर्षित करता है . इसका वैज्ञानिक नाम है - Raphanus sativus . इसे अंग्रेजी में रेडिश कहते हैं . इसके सफ़ेद मांसल भाग (जड़) में आर्सेनिक, कैल्शियम, लोहा, विटामिन ए , बी-१, बी-२ ,कोलाइन ,फास्पोरस आदि तत्वों की भरमार होती है. वहीँ इसके हरे पत्तों में प्रोटीन, पोटेशियम, स्ट्रोशियम, अल्यूमिनियम, बेरियम, फ्लोरीन, कैल्शियम आक्जलेट, मैगनीज आदि पाए जाते हैं. 
                     ये दिखने में जितनी अच्छी लगती है इसके गुण और भी ज्यादा हमें फायदा देते हैं . जब आप इसके गुणों के बारे में जानेंगे तो आश्चर्य चकित हो जायेंगे कि ऐसा भी हो सकता है क्या?
***अगर आपको पीलीया (जांडिस) हो गया हो तो बस एक किलो मूलियाँ नमक लगाकर खा जाएं ,जहां पूरी ५ किलो मूलिया पेट में पहुंची जांडिस निकल भागेगा . प्रतिदिन २किलो मूली खा लेंगे तो जांडिस ३ दिन में ही ठीक हो जाएगा . और हर एक किलो मूली के बाद अगर १०० ग्राम गुण खा लिया तब तो दूसरे ही दिन आप खुद को ताकतवर और स्वस्थ महसूस करने लगेंगे. है न सस्ता सौदा. एकदम जादू की तरह असर करता है ये नुस्खा .
***अब दूसरा गुण सुनिए . सर्दियों का मौसम है ही . हर घर में कम से कम एक सदस्य को जरूर सर्दी बुखार के कारण खांसी या दस्त हो रहे होंगे. बस तुरंत मूली के सफ़ेद भाग को (पत्तों को नहीं) सब्जी की तरह पकाकर खा लीजिये .उसमें आलू या जो कुछ और मिक्स करना चाहें ,कर सकते हैं,बस ये 
मूली की सब्जी आपको खांसी सर्दी से राहत देगी . इसमें मसाला भी आप अपनी पसंद का ही डालें ,कोई दिक्कत नहीं होगी.
*** बवासीर में इस मूली को क्रैश करके उसका रस निकाल लीजिये और लगभग २५ ग्राम सुबह शाम पीजिये.
***अगर दस्त आ रहे हैं तो मूली को उबाल कर उसका जूस बना लीजिये और आधा आधा गिलास सुबह शाम ५ दिनों तक पीयें.
****सांस लेने में कोई रुकावट सी महसूस हो रही हो या सांस फूल रही हो तो भी मूली का जूस फ़ायदा करेगा.
**** अगर शरीर में कफ या बलगम ज्यादा महसूस हो रहा है तो मूली को क्रैश करके रस निकालिए और हल्का सा गर्म कीजिए और दिन में दो बार पीजिये. हर बार ताजा रस निकालना होगा.
**** शरीर में कहीं भी अगर दर्द हो रहा है और किसी दवा से ख़त्म नहीं हो रहा तो आप मूलियाँ महीन महीन काट लीजिये उसमे लगभग २५ ग्राम काला  तिल का पावडर मिला लीजिये और चबा चबा कर खा लीजिये ,दिन में दो बार अधिकतम ७ दिनों तक .जब दर्द ख़त्म हो जाए तो छोड़ सकते हैं. 
****अगर कान में दर्द हो रहा हो तो मूली  का रस निकाले ,गुनगुना गर्म कीजिए और मात्र दो बूँद कान में डाल लीजिये. 
****अगर बवासीर  ,पथरी और मूत्र रोगों से खुद को सुरक्षित रखना चाहते हो तो पूरे मौसम रोज मूलियाँ खाएं. वर्ष भर सुरक्षित रहेंगे.

रविवार, 12 दिसंबर 2010

ल्यूकोरिया का सरल इलाज



महिलायें अक्सर इस बीमारी से पीड़ित पाई जाती हैं. मेरे पास आने वाले महिलाओं के कुल फ़ोन में से ९०% इसी बीमारी के विषय में होते हैं. ये बीमारी महिलाओं के शरीर को बेहद कमजोर कर देती है और बोनस के रूप में कुछ और भी बीमारियों को पैदा कर देती है . जैसे त्वचा में रूखापन, गालों में गड्ढे, कमर दर्द, सेक्स में अरुचि, घुटनों में दर्द, पाचन में गड़बड़ी, चिडचिडापन  आदि इत्यादि. इसका एक बेहद सरल इलाज है- कौंच के बीज 
कौंच को कपिकच्छु भी कहते हैं. इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, लौह तत्व, प्रोटीन, गंधक और गेलिक एसिड पाया जाता है. 
आप कौंच के बीज लीजिये. उनका पावडर बना लीजिये .बस इसी पावडर को सुबह शाम पानी से निगल लीजिये .मात्रा होगी २-२ ग्राम.
देखिये फिर जल्दी ही आपको इस नामुराद बीमारी से कैसे छुटकारा मिलता है.
२१ दिन में ही.
अगर इस बीमारी से छुटकारा पाने के बाद आपने रोज अश्वगंधा का ६ ग्राम पावडर पानी से निगल लिया तो शरीर की सारी खोई हुई ताकत वापस आ जायेगी ( ३ महीने तक लीजियेगा).
सभी आयुर्वेदिक दवाएं सुबह खाली पेट ही लेनी चाहिए .
सबसे ऊपर कौंच के फल की फोटो है और नीचे उसके बीज की 
चित्र गूगल से साभार