रविवार, 27 जून 2010

मानसून

मानसून आने ही वाला है ,बल्कि देश के कुछ हिस्सों में आ भी चुका है. ये मौसम अपने साथ त्वचा की अनेक बीमारियों को लेकर आता है. इस मौसम में अनेक कीड़े-मकोड़े भी पैदा हो जाते हैं या यूं कह लीजिये कि अपने आवासों से बाहर निकल आते हैं क्योंकि उनके बिलों [घरों] में पानी भर गया होता है. अब उन्हें आवास तो चाहिए ही ,बेचारे रहेंगे कहाँ ? बस हमारी त्वचा ही उनका पहला निशाना बन जाती है. अगर त्वचा में पहले से घाव है तब तो क्या कहना !!! कीड़ों की पाँचों उंगलियाँ घी में और सर कढ़ाही में. इसलिए हे मनुष्यों सावधान हो जाओ . आइये कुछ अच्छे उपाय सोचते हैं--------




१- नमक ,हल्दी और मेथी का पावडर तीनों एक-एक चम्मच ले लीजिये ,नहाने से पांच मिनट पहले इसका पानी मिलाकर पेस्ट बना लीजिये. अब इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में रगड़ रगड़ कर लेप लीजिये. फिर ५ मिनट छोड़ दीजिये ,फिर आराम से नहा लीजिये. इसे हर ४ दिन बाद प्रयोग करेंगे तो घमौरियों, फुंसियों, त्वचा की सभी बीमारियों से दूर रहेंगे, त्वचा अगर मुलायम हो जाए और चमकने लगे तो इसे एक पर एक फ्री वाला गिफ्ट समझ लीजिएगा
२- हर ४ दिन बाद एक चम्मच [५ग्राम ] अजवाईन जरूर पानी से निगलते रहें ताकि अन्दर के शारीरिक पार्ट भी कीड़ों से बचे रहें.
इस मौसम में ग्रामीण हिस्सों में सांप ,बिच्छू और ततैया आदि जहरीले जानवर मनुष्यों और पशुओं दोनों को परेशान करते हैं. आइये कुछ रक्षात्मक उपायों पर गौर करें -----------
**१०-१० ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा ५ग्राम देसी घी अच्छे तरीके से मिला लीजिये. इसे खाने या चटाने से कुत्ता ,सांप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष ख़त्म हो जाता है .
**आषाढ़ का महीना शुरू हो चुका है, ११ या १२ जुलाई को पुष्य नक्षत्र पड़ना चाहिए, इस दिन अगर सिरस की जड़ को चावल के पानी में पीस कर पी लिया जाए तो उसे सांप गलती से भी नहीं काटेगा ,जो सांप उस इंसान या जानवर [गाय, भैंस ,बकरी] को काटेगा वह खुद ही मरेगा.
**एक पुरानी पोस्ट में भी मैं यह बात लिख चुकी हूँ कि पुष्य नक्षत्र के दिन सफ़ेद पुनर्नवा की जड़ को चावल के पानी में पीस कर पीने से एक साल तक मनुष्य सांप से बचा रह सकता है.
**घी, शहद, पीपल, सोंठ, काली मिर्च , और सेंधानमक सभी को १०-१० ग्राम लेकर पीस कर अच्छी तरह से मिला लीजिये और एक बार में सिर्फ १० ग्राम खाएं ,किसी भी जहरीले सांप का विष उतर जाएगा
**जीरे को पीस लीजिये उसमें थोड़ा सा घी और जीरे के बराबर सेंधानामक मिला दीजिये. घी इतना मिलाईएगा कि पेस्ट बन जाए. अब इस पेस्ट को विशेषकर बिच्छू या किसी भी जहरीले कीड़े के काटे हुए स्थान पर लेप कर देने से जहर और दर्द दोनों ख़त्म हो जाएगा