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जटामांसी :सिर की ज्यादातर बीमारियों के लिए
- मैं बहुत दिनों से जटामांसी के बारे में लिखना चाह रही थी लेकिन कुछ तो संयोग नहीं बन पा रहा था और कुछ मेरी जानकारियों से मैं खुद संतुष्ट नहीं थी, जबकि ये अकेली जड़ी है जिसका मैंने ७५%मरीजों पर सफलतापूर्वक प्रयोग किया है. फिर मरीजों की क्या बात करूँ ,मैं जो आज आपके सामने सही-सलामत मौजूद हूँ वह इसी जटामांसी का कमाल है. इसलिए आज इस जड़ी का आभार व्यक्त करते हुए आपको इससे परिचित कराती हूँ.
- आइये पहले इसके नामो के बारे में जानते हैं-
- हिंदी- जटामांसी, बालछड , गुजराती में भी ये ही दोनों नाम,तेल्गू में जटामांही ,पहाडी लोग भूतकेश कहते हैं और संस्कृत में तो कई सारे नाम मिलते हैं- जठी, पेशी, लोमशा, जातीला, मांसी, तपस्विनी, मिसी, मृगभक्षा, मिसिका, चक्रवर्तिनी, भूतजटा.यूनानी में इसे सुबुल हिन्दी कहते हैं.
- ये पहाड़ों पर ही बर्फ में पैदा होती है. इसके रोयेंदार तने तथा जड़ ही दवा के रूप में उपयोग में आती है. जड़ों में बड़ी तीखी तेज महक होती है.ये दिखने में काले रंग की किसी साधू की जटाओं की तरह होती है.
- इसमें पाए जाने वाले रासायनिक तत्वों के बारे में भी जान लेना ज्यादा अच्छा रहेगा---- इसके जड़ और भौमिक काण्ड में जटामेंसान , जटामासिक एसिड ,एक्टीनीदीन, टरपेन, एल्कोहाल , ल्यूपियाल, जटामेनसोंन और कुछ उत्पत्त तेल पाए जाते हैं.
- अब इस के उपयोग के बारे में जानते हैं :-
- मस्तिष्क और नाड़ियों के रोगों के लिए ये राम बाण औषधि है, ये धीमे लेकिन प्रभावशाली ढंग से काम करती है.
- पागलपन , हिस्टीरिया, मिर्गी, नाडी का धीमी गति से चलना,,मन बेचैन होना, याददाश्त कम होना.,इन सारे रोगों की यही अचूक दवा है.
- ये त्रिदोष को भी शांत करती है और सन्निपात के लक्षण ख़त्म करती है.
- इसके सेवन से बाल काले और लम्बे होते हैं.
- इसके काढ़े को रोजाना पीने से आँखों की रोशनी बढ़ती है.
- चर्म रोग , सोरायसिस में भी इसका लेप फायदा पहुंचाता है.
- दांतों में दर्द हो तो जटामांसी के महीन पावडर से मंजन कीजिए.
- नारियों के मोनोपाज के समय तो ये सच्ची साथी की तरह काम करती है.
- इसका शरबत दिल को मजबूत बनाता है, और शरीर में कहीं भी जमे हुए कफ को बाहर निकालता है.
- मासिक धर्म के समय होने वाले कष्ट को जटामांसी का काढा ख़त्म करता है.
- इसे पानी में पीस कर जहां लेप कर देंगे वहाँ का दर्द ख़त्म हो जाएगा ,विशेषतः सर का और हृदय का.
- इसको खाने या पीने से मूत्रनली के रोग, पाचननली के रोग, श्वासनली के रोग, गले के रोग, आँख के रोग,दिमाग के रोग, हैजा, शरीर में मौजूद विष नष्ट होते हैं.
- अगर पेट फूला हो तो जटामांसी को सिरके में पीस कर नमक मिलाकर लेप करो तो पेट की सूजन कम होकर पेट सपाट हो जाता है.
अलका सर्वत जी के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर…
जवाब देंहटाएंमेरी ओर से
*परमप्रिय सर्वत जी * सहित
*~*आदरणीया अलका जी *~*को
हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
आपने बहुत आच्छी जानकारी प्रस्तुत की है, इसके लिए आप धन्यबाद की पात्र हे
जवाब देंहटाएंhttp://helathandwellness-forall.blogspot.com
bahu hi umda jaankari.....itni jaanvardhak post par itni kam tipnniyan dekhar kar soch me pad gaee hun ke log betuki rachnaon par jhat se waah! waah! karne lagte hai aur itni saarthk post ko dekhte bhi nahi kmaal hai,aap likhti rhiye ,kam hi sahi par aap ke pathk hai
जवाब देंहटाएंउपयोगी एवं लाभप्रद जानकारी देने के लिये आभार....
जवाब देंहटाएंनेता- कुत्ता और वेश्या (भाग-2)
उपयोगी जानकारी,पोस्ट करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर..
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jatamaansi kahaan milti hai?
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा
जवाब देंहटाएंबहुत ही ज्ञान वर्धक एवं रोचक जानकारियां साझा करनेके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंज्ञानप्रद वेबसाइट तो बहुत है, मगर जिस तरीके से आपने गंभीर विषयों के बारे में इतनी सरलता से बतला दिया , वो एक आम इन्सान की दैनिक जिंदगी में बहुत लाभदायक है।
आशा करता हु की आप इसी तरह की जानकारिय नियमित लिखती रहेंगी।
अलका जी आपकी आंवले वाली पोस्ट एक पत्रिका के लिए लिए जा रही हूँ ...
जवाब देंहटाएंअपना संपर्क पता , ब्लॉग पता और फोन न दे दीजिये ....
बहुत उपयोगी जानकारी..आभार
जवाब देंहटाएंwaah upyogi jankari.....
जवाब देंहटाएंanoothy jaankaari. aabhaar!!!
जवाब देंहटाएंपोस्ट दिल को छू गयी.......बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
behad upyogi jankari prapt hui abhar ...yah blog bahut hi gyanvardhak lga
जवाब देंहटाएंअलका दीदी आप बहुत मेहनत करती है।मै जानता हूँ आप इन जड़ी बूटीयो को खोजने मेँ कितनी कठिन मेहनत करती है।ओर फिर मानव जाति के लिए आपकी निस्वार्थ समर्पित भावना,भगवान धनवन्तरी आपको चिर आयु तक स्वस्थ रखे
जवाब देंहटाएंदीदी आपको शत शत नमन।
hum videsh mei bethy log kuchh bhi nahi jantay, ki jaddi bootiya kaise hamary jeevan mei upyogi hai, thankyou very much , mukesh sahni dubai
जवाब देंहटाएंमहत्वपूर्ण जानकारी.
जवाब देंहटाएंkmal ki dwa ka jankari mila thanks.
जवाब देंहटाएंThis is a very helpful info!
जवाब देंहटाएंA lot thanks for sharing with us,
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