ये मेरा वतन
ये तेरा चमन
ये मेरी ईमानदारी
ये तेरी दरियादिली
ये मेरा ज्ञान
ये तेरा ध्यान
ये मेरी आरजू
ये तेरी जुस्तजू
ये मेरी भक्तियाँ
ये तेरी शक्तियां
यही तो हमारे देश की रौनक है, दौलत है
यही हमारा विश्वास है
और इसका हमें आभास है
आइये लेते हैं हम संकल्प
इस खजाने को हम सुरक्षित रखेंगे, संरक्षित करेंगे, बढाते रहेंगे
स्वंत्रता दिवस मुबारक
अलका सर्वत मिश्रा
शनिवार, 14 अगस्त 2010
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सही कहा यह धरोहर सुरक्षित रखना ही होगा
जवाब देंहटाएंसबसे पहले आभार.मैं भी देर से ही आया.
जवाब देंहटाएंआपकी बातों से सहमत.धन्यवाद.
सुंदर लगी ये देश के प्रति समर्पित कविता ।
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